Dard Bhari Shayari दिल के जज़्बात को बयां करने का एक गहरा तरीका है। जब दिल टूटता है या मोहब्बत अधूरी रह जाती है, तो ये शायरी उस दर्द को
शब्दों में बयां कर देती है | यह न सिर्फ आपके दुख को हल्का करती है, बल्कि पढ़ने वाले के दिल को भी छू लेती है। अगर आप अपने दिल की बात किसी को बताना चाहते हैं, तो दर्द भरी शायरी सबसे अच्छा सहारा बन सकती है।#dardshayari

सिर्फ सहने वाला ही जानता है कि दर्द कितना गहरा है
ये बुरा वक़्त जाने कब तक सताएगा और जाने कितने बुरे दिन बताएगा ज़िन्दगी से अब मन भर सा गया है कौन जाने मौत वाला दिन कब आएगा
कोई अभी जान से प्यारा नहीं लगता मेरी कश्ती को कोई किनारा नहीं लगता मतलब की बातें हैं मतलब के रिश्ते सब गैर है कोई सहारा नहीं लगता
कुछ पूरे हुए खाब कुछ अधूरे हुए हैं हम उनसे बिछड़कर भी जुड़े हुए हैं मोहब्बत की हमें भी सज़ा मिली है हम वफ़ा करके भी बुरे हुए हैं

एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गयी, वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई।
कभी अपनी ज़रुरत कभी शौक बना लेते कुछ ज़ख्म मेरी रूह को बेवजह देते इतनी जल्दी क्यों मुझे आज़ाद कर दिया इश्क़ की मुझे थोड़ी और सज़ा देते
खुशियों से नाराज़ है मेरी ज़िन्दगी पल दो पल की मेहमान है मेरी ज़िन्दगी मेरे ज़ख्मों का इलाज कुछ नहीं बस मुझसे ही परेशान है मेरी ज़िन्दगी
तुम मुझे, मेरा इश्क़ भुला पाओगे क्या? रूहों के गाँव में मुझसे मिलने आओगे क्या? मैं तुम्हारी याद में मरना चाहता हूँ, तुम मेरी क़बर पे फूल सजाओगे क्या?
कुछ अपनों के सताए हुए भी लोग हैं आंसू कर किसी के झूठे नहीं होते मतलब निकलने पर सब बदल ही जाते हैं अपने भी आज कल अपने नहीं होते

न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं
मुझ से नफरत की अजब राह निकाली उसने मुस्कुराता दिल मेरा कर दिया खाली उसने, मेरे घर की रिवायत से वो खूब था वाकिफ जुदाई मांग ली बन के सवाली उसने..!!
किसी को दिल से चाहा ये गुनाह था मोहब्बत तबाह करती है ये सुना था छोड़ कर जाना आज कल रिवाज़ है या मैंने ही शख़्स ग़लत चुना था
दिल पर न मेरे यूँ वार कीजिये, छोड़ो ये नफरत थोड़ा प्यार कीजिये, तड़पते हैं जिस कदर तेरे प्यार में हम, कभी खुद को भी उस कदर बेकरार कीजिये..!!
मुझे क़बूल है हर दर्द, हर तकलीफ़ तेरी चाहत में.. सिर्फ़ इतना बता दे, क्या तुझे मेरी मोहब्बत क़बूल है?
ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया, वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया।
कैसे मानूं उसे इश्क़ है मुझसे खुश देखा है मैंने उसे मुझसे जुदा होकर बहुत मुश्किल होता है खुदको समेटना देखना तुम भी कभी खुद में तबाह होकर
कश्ती का डूब जाना ही अच्छा था किनारे ने और बदनाम कर दिया पुरानी गलतियां भूलने की कोशिश थी नए इश्क़ ने और बर्बाद कर दिया
खाली मैं अंदर से टूटा हुआ क़िस्मत से और खुद से रूठ हुआ रूहानी ज़ख्म हैं दिखते नहीं मैं यादों से ज़ख्मों को सीता हुआ

प्यार में अक्सर ऐसा होता है जो सबसे ज़्यादा लव करता है वही रोता है
इसी ख्याल से गुज़री है शाम-ए-ग़म अक्सर, कि दर्द हद से जो बढ़ेगा तो मुस्कुरा दूंगा।
दर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैं, बीते लम्हे हमें जब भी याद आते है।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर, जब भीग कर कहती है कि अब रोया नहीं जाता।
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा, न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा
तुझे भी खुद से नफरत होने लगेगी अंधेरों की तुझे भी आदत होने लगेगी तब तुझे पता लगेगा आखिर इश्क़ है क्या, इश्क़ है क्या
ये सच है कि हम मोहब्बत से डरते हैं, क्यूँ कि ये प्यार दिल को बहुत तड़पाता है, आँख में आँसू तो हम छुपा सकते हैं, दर्द-ए-दिल दुनिया को पता चल जाता है।
वो सिलसिले वो शौक वो ग़ुरबत न रही, फिर यूँ हुआ के दर्द में शिद्दत न रही, अपनी ज़िन्दगी में हो गए मसरूफ वो इतना, कि हम को याद करने की फुर्सत न रही।

अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है सवाल भी खुद के होते हैं और जवाब भी खुद के
जो हुआ वो होना नहीं था मुझे भी शायद तब रोना नहीं था रूठना मनाना तो ठीक था लेकिन तू छोड़ जाएगा ये सोचा नहीं
ग़म सलीके में थे जब तक हम खामोश थे, जरा जुबान क्या खुली दर्द बे-अदब हो गए।
फैसला ये भी मेरे यार बहुत मुश्किल है, तेरे ज़ुल्म सहें या कि फ़ना हो जाएँ।
दिल से महसूस कर सकते हैं उस दर्द को, जो तेरी कलम ने एक-एक करके तराशा है।
वो दर्द ही न रहा वरना ऐ मता-ए-हयात, मुझे गुमान भी न था मैं तुझे भुला दूंगा।
जब्त कहता है कि खामोशी से बसर हो जाये, दर्द की जिद है कि दुनिया को खबर हो जाये।
मुस्कुराने से भी होता है दर्द-ए-दिल बयां, किसी को रोने की आदत हो ये जरूरी तो नहीं।
होगी तकरार कोई बहाना कीजिए जुदा भी हो जाएंगे आप ही इरादा कीजिए, तोड़ना ही है तो दिल तोड़िए हुजूर बंदा हाजिर है दिल लेकर बस इशारा कीजिए..!!
चाहा था कुछ कुछ और हो गया, दुनिया की भीड़ में ये दिल खो गया, वक्त की मार या साजिश खुदा की जिसे मेरा होना था वो किसी और का हो गया..!!